Sunday 25 November 2012

सचिन अभी 15 साल और खेल सकते हैं !

पता नहीं हमारे मित्र क्रिकेट को लेकर इतने अधीर क्यों हो जाते है, सचिन की बात करे तो जिसे देखो, नसीहत देने पर आमादा है, अरे भाई जिस सचिन ने 30000 रन के आस पास बनाये उसपर ऊँगली उठाने में 2 मिनट  नहीं लगाते आप, शर्म आनी चाहिए आपको अपने आप पर, अच्छा कहिये घर का बुजुर्ग कुछ भी कहे, कुछ भी करे हमें उसे निभाना तो पड़ता ही है, ठीक उसी प्रकार से सचिन को कुछ दिन ढोने में आप सबको आपत्ति नहीं होनी चाहिए, उनके आगामी 15 साल तक खेलते रहने के मेरे कुछ तर्क इस प्रकार से हैं,

1. तो क्या हो गया, अगर उन्होंने अपनी एक नयी भूमिका भी चुन ली है तो, वे राजनीतिक हो गए तो, हर आदमी अपनी वैकल्पिक व्यवस्था तो करके रखता ही है, सो उन्होंने भी कर लिया, अरे भूल गए क्या कि कैसे पुराने जमाने के राजा महाराजा अपनी  मजार खुद बनवा के मरते थे, अर्थात भविष्य की चिंता, सो इससे उनके खेलने का (राज्य करने का) अधिकार समाप्त तो नहीं हो जाता, लिहाजा वो खेलेंगे कम से कम मै तो उनके साथ हूँ ।

2. सचिन ने खुद ही कहा वो क्रिकेट को एन्जॉय कर रहे हैं, और जब तक वे एन्जॉय करते रहेंगे, खेलते रहेंगे (दुनिया जाए भाड़ मे). भाई अब अगर वे एन्जॉय कर रहे हैं, तो आपको पूछता कौन है, तू हां कर या ना कर वो तो खेलेंगे ही, 

3. सचिन देशभक्त इंसान हैं, तो क्या हुआ अगर वे 20-20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए नहीं खेलते, आईपीएल तो खेलते ही हैं ना, और क्या चाहिए देशभक्ति का सबूत आपको, एक देशभक्त को आप सूली पर टांग देना चाहते हैं, सबको सौरव गांगुली समझा है क्या ?

4. वे अभी भी रन बना रहे है और बनाते रहेंगे, तो क्या हुआ अगर वे पिछली 10 पारियों में 30 से अधिक रन नहीं बना  पाए तो, भूल गए बंगलादेश के खिलाफ कैसे सैकड़ा जड़ के शतको का शतक पूरा किया था, अब वे अपनी मर्जी की टीम के खिलाफ खेलते हैं, अमां आमिर खान की तरह चूजी होने में बुराई क्या है, जैसे वे साल में एक मूवी बनाते हैं, वैसे ही सचिन भी एकाध सीरीज खेल लिया करेंगे, 15 साल होते ही कितने है, आराम से बीत जायेंगे .

5. और सबसे बड़ी बात ये की सचिन मुंबईकर  हैं, आगे कुछ कहा तो शिव सेना वाले मारेंगे, हां पता है ब्लॉगर हूँ, पर पिटना जरूरी है क्या ?


मनोज


Friday 23 November 2012

शर्म कीजिये !!

नमस्कार मित्रों

आज का एक दृश्य देख के अत्यंत आनंद आया, आर पी सिंह नामके के एक सेवा निर्वत्त अधिकारी ने यह कह कर सनसनी मचा दी की साहेब मैंने तो टू जी में सिर्फ 2645 करोड़ का घोटाला बताया था, लेकिन कैग ने मेरी बात न मानते हुए 1.76 करोड़ का घोटाला बता दिया, और उनकी इस बात पर कांग्रेस ऐसे व्यवहार कर रही है मानो उसे अल्लादीन का खजाना मिल गया हो, अपनी बांछे खिली देख वह किलोले मार रही है, वाह वाह वाह मजा आ गया यह सब सुन के, 

भाई सिंह साहेब, कितनी जल्दी आपको ज्ञान की प्राप्ति हो गई, रिटायर होते ही, आप धन्य हैं आपको नमन करना चाहिए सार्वजनिक अभिनन्दन होना चाहिए, पुष्प वर्षा होनी चाहिए आप पर, पर अगर आज ए राजा आपके सर पर जूते मारे तो आप कैसे रोकेंगे उन्हें, अगर राजा आपसे पूछे, भाई इतने दिनों से मुह पे ताला क्यों था तो क्या कहेंगे आप, अगर राजा कहे की जब मै जेल जा रहा था तो आपकी अंतरात्मा क्यों नहीं जागी तो कहाँ मुंह काला करेंगे आप, 

वैसे प्रश्न तो कैग भी कर सकते थे, अगर कहे भाई तू मेरा बॉस था या मै तेरा, रिपोर्ट पे तूने हस्ताक्षर किये या मैंने, तेरी बात ही मानना अगर मजबूरी होती तो कैग तू ही नहीं होता मेरी क्या जरूरत थी, तो क्या जवाब देंगे श्रीमान,  शायद आपके पास जवाब नहीं होगा,

परन्तु इस देश की जनता मूर्ख नहीं है श्रीमान, वह खूब समझती है की संसद में घिरी सरकार के संकटमोचन आप क्यों बनना चाहते हैं, सच तो यह है की सवाल कैग पर नहीं खुद आपकी विश्वसनीयता पर हैं, आपकी नियत पर हैं, अब कह भी डालिए, कौन सा लालच दिया गया है आपको, और अगर आप  में थोड़ी बहुत शर्म बची हो तो खुद से ही प्रश्न कीजिये की आप किसे बचाना चाह रहे हैं,


मनोज